नशा एक सामाजिक बुराई है, इससे बाहर निकलना कठिन जरूर, लेकिन नामुमकिन नहीं: कलेक्टर


झालावाड़ में नशा मुक्ति अभियान के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में जिला कलेक्टर ने कहा कि नशा एक गंभीर सामाजिक बुराई है, जो व्यक्ति के जीवन के साथ-साथ पूरे समाज को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि इससे बाहर निकलना कठिन हो सकता है, लेकिन यह असंभव नहीं है।
कलेक्टर के संबोधन की मुख्य बातें:
- नशा स्वास्थ्य और समाज दोनों के लिए नुकसानदायक:
कलेक्टर ने युवाओं को चेतावनी दी कि नशा न केवल उनके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके परिवार, समाज और भविष्य को भी खतरे में डालता है। - समाज को निभानी होगी जिम्मेदारी:
उन्होंने समाज के हर वर्ग से अपील की कि वे इस बुराई के खिलाफ एकजुट होकर खड़े हों और जागरूकता फैलाएं। - प्रशासन का सहयोग:
जिला प्रशासन द्वारा नशा मुक्ति केंद्रों की स्थापना, परामर्श सेवाएं और पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किए गए हैं ताकि नशे के शिकार लोगों को मुख्यधारा में लाया जा सके। - शिक्षण संस्थानों में जागरूकता अभियान:
कलेक्टर ने बताया कि स्कूलों और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित कर छात्रों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा।
जनता से अपील:
कलेक्टर ने अंत में कहा कि सभी नागरिकों को नशा मुक्त समाज के निर्माण के लिए संकल्प लेना चाहिए और इस अभियान का हिस्सा बनना चाहिए।
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